Saturday, 13 December 2014






"ѕєαя¢н ωнєяє уσυ мαу, 
уσυ ωιℓℓ ησт ƒιη∂ α ℓαη∂  
αѕ вєαυтιƒυℓ αѕ тнιѕ, 
ѕнє ιѕ тнє qυєєη σƒ αℓℓ ℓαη∂ѕ, 
тнιѕ ℓαη∂ σƒ му вιятн,
 му мσтнєяℓαη∂."
                         
                                 - ιη∂ια

लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती
हिम्मत करने वालों की कभी हार नहीं होती...





नन्ही चींटी जब दाना लेकर चलती है
चढ्ती दीवारों पर सौ बार फिसलती है
मन् का विश्वास रगों में साहस बनता है

चढ़ कर गिरना , गिर कर चढ़ना ना अखरता है
आखिर उसकी मेहनत बेकार नहीं होती
कोशिश करने वालों की हार नहीं होती....





डुबकियां सिंधु में गोताखोर लगता है
जा जा कर खाली हाथ लौट आता है
मिलते ना सहज ही मोती पानी में
बहता दूना उत्साह इसी हैरानी में
मुट्ठी उसकी खाली हर बार नहीं होती
हिम्मत करने वालों की हार नहीं होती....



असफलता एक चुनौती है स्वीकार करो
क्या कमी रह गयी देखो और सुधार करो
जब तक ना सफल हो नींद चैन की त्यागो तुम
संघर्षों का मैदान छोड़ मत भागो तुम
कुछ किये बिना ही जय जयकार नहीं होती
हिम्मत करने वालों की हार नहीं होती !!

Sunday, 2 March 2014






...............{सुखी ज़मी}.............

जिन्दगी ये मायूस इसे थोड़ी खुशी दे दो,
रोते हुए इन बेकसूरों को थोड़ी हंसी दे दो,
दे दो इन मासूमो को हक जो है इनका ,
सुखी ज़मी पर इनकी थोड़ी सी नमी दे दो,

गरीबी में सिकुड़ते बचपन को पनाह दे दो,
जो ठगे इन मासूमो को उन्हें सज़ा दे दो,
दे दो हर बेबस बच्चे को एक आस इतनी,
इनको भी हंसने की दो पल की प्यास दे दो,

जो जेसा है हर हाल में खुश ये मासूम,
रोटी से भी जायदा प्यार के भूखे ये मासूम,
ये मासूमियत न बदल जाए ज़हर में कही,
इनकी मासूम जिन्दगी को थोडा और समय दे दो,

कोई बचपन कभी भी कपटी होता नहीं,
अल्फाजों का फंदा कभी भी पिरोता नहीं,
कडवाहट से भरी इनकी जिन्दगी हर पल,
तुम चाहो तो कुछ पल में इनके मिठास दे दो,

कुछ परिभाषायें



तलाक : शादी का भविष्य काल

लेक्चर : भाषण की वह कला, जिसमें कोई भी जानकारी और बोले हुए शब्द सिरों के ऊपर से निकल कर दरवाजे से बाहर निकल जाते हैं ।

कॉन्फ़्रेंस : एक व्यक्ति का “कन्फ़्यूजन” कई व्यक्तियों में बाँटना ।

कॉन्फ़्रेंस रूम : एक ऐसा कमरा, जिसमें सभी बोलते हैं, कोई ध्यान से नहीं सुनता और अन्त में सभी असहमत हो जाते हैं ।

समझौता : रोटी के ऐसे हिस्से करना, जिसमें सभी को लगे कि उसे ज्यादा मिला है ।

शब्दकोष : एकमात्र ऐसी जगह जहाँ (त) तलाक पहले आता है (श) शादी बाद में ।

मुस्कान : एक ऐसी वक्र रेखा जो अच्छे-अच्छों को सीधा कर देती है ।

ऑफ़िस : घर से दूर सुकून भरी जगह ।

जम्हाई : वह समय, जब शादीशुदा व्यक्ति अपना मुँह खोलता है ।

इत्यादि : ऐसा शब्द जिससे लगे आप बहुत कुछ जानते हैं ।

समिति : व्यक्तियों का ऐसा झुंड, जो अकेले में कुछ नहीं कर पाते और फ़िर हमें बताते हैं कि हम समूह के रूप में भी कुछ नहीं कर सकते ।

अनुभव : अपनी असंख्य गलतियों को दिया गया एक नाम

परमाणु बम : एक ऐसा आविष्कार, जो सारे आविष्कारों को समाप्त कर सकता है ।

कूटनीतिज्ञ : ऐसा व्यक्ति जो आपको मीठी सी भाषा में समझाये कि “भाड़ में जाओ” और आप वहाँ जाने को उतावले हो उठें ।

राजनीतिज्ञ : जो चुनाव से समय हाथ हिलाता है, फ़िर बाद में विश्वास ।

अवसरवादी : वह आदमी, जो नदी में पैर फ़िसल कर गिरने पर वहीं नहाने लगे ।

अपराधी : हमसे कोई अलग व्यक्ति नहीं, अन्तर सिर्फ़ यही है कि वह पकडा गया है ।

बॉस : जब आप देर से पहुँचे तो जल्दी आ जाये और जब आप जल्दी पहुँचे तो वह छुट्टी पर हो

प्रश्न : ग्लोबलाईजेशन (वैश्वीकरण) की चरम सीमा क्या है ?
उत्तर : राजकुमारी डायना की मौत,

बताओ कैसे ?

एक अंग्रेज राजकुमारी, मिस्त्र के बॉयफ़्रेंड के साथ, जर्मनी की कार में सवार, जिसमें हॉलैण्ड का ईंजन लगा हो, फ़्रांस की सुरंग में टकराई, जिसे बेल्जियम का ड्राईवर चला रहा था, और उसने स्विस व्हिस्की पी रखी थी, कार के पीछे इटली के पपाराजी लगे थे, और राजकुमारी का इलाज अमेरिकन डॉक्टर ने किया….. क्या खूब ग्लोबलाईजेशन है ।

बाज की काबिलियत

एक बार की बात है कि एक बाज का अंडा मुर्गी के अण्डों के बीच आ गया. कुछ दिनों बाद उन अण्डों में से चूजे निकले, बाज का बच्चा भी उनमे से एक था.वो उन्ही के बीच बड़ा होने लगा. वो वही करता जो बाकी चूजे करते, मिटटी में इधर-उधर खेलता, दाना चुगता और दिन भर उन्हीकी तरह चूँ-चूँ करता. बाकी चूजों की तरह वो भी बस थोडा सा ही ऊपर उड़ पाता , और पंख फड़-फडाते हुए नीचे आ जाता . फिर एक दिन उसने एक बाज को खुले आकाश में उड़ते हुए देखा, बाज बड़े शान से बेधड़क उड़ रहा था. तब उसने बाकी चूजों से पूछा, कि-
” इतनी उचाई पर उड़ने वाला वो शानदार पक्षी कौन है?”
तब चूजों ने कहा-” अरे वो बाज है, पक्षियों का राजा, वो बहुत ही ताकतवर और विशाल है , लेकिन तुम उसकी तरह नहीं उड़ सकते क्योंकि तुम तो एक चूजे हो!”
बाज के बच्चे ने इसे सच मान लिया और कभी वैसा बनने की कोशिश नहीं की. वो ज़िन्दगी भर चूजों की तरह रहा, और एक दिन बिना अपनी असली ताकत पहचाने ही मर गया.
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"आप चूजों की तरह मत बनिए ,
अपने आप पर ,अपनी काबिलियत पर भरोसा कीजिए. आप चाहे जहाँ हों, जिस परिवेश में हों, अपनी क्षमताओं को पहचानिए और आकाश की ऊँचाइयों पर उड़ कर दिखाइए क्योंकि यही आपकी वास्तविकता है."
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कश्मीर तो होगा लेकिन पाकिस्तान नहीं होगा!

हम डरते नहीं एटम बम्ब, विस्फोटक जलपोतो से
हम डरते है ताशकंद और शिमला जैसे समझोतों से
सियार भेडिए से डर सकती सिंहो की औलाद नहीं
भरत वंश के इस पानी की है तुमको पहचान नहीं
भीख में लेकर एटम बम्ब को तुम किस बात पे फूल गए
65, 71 और 99 के युधो को शायद तुम भूल गए
तुम याद करो खेतरपाल ने पेटन टैंक जला डाला
गुरु गोबिंद के बाज शेखो ने अमरीकी जेट उड़ा डाला
तुम याद करो गाजी का बेडा एक झटके में ही डूबा दिया
ढाका के जनरल नियाजी को दुद्ध छटी को पिला दिया
तुम याद करो उन 9०००० बंदी पाक जवानो को
तुम याद करो शिमला समझोता और भारत के एहसानों को
पाकिस्तान ये कान खोलकर सुन ले
की अबके जंग छिड़ी तो सुन ले
नमो निशान नहीं होगा
कश्मीर तो होगा लेकिन पाकिस्तान नहीं होगा

लाल कर दिया तुमने लहू से श्रीनगर की घाटी को
किस गफलत में छेड़ रहे तुम सोई हल्दी घाटी को
जहर पिला कर मजहब का इन कश्मीरी परवानो को
भय और लालच दिखला कर भेज रहे तुम नादानों को
खुले पर्शिक्षण है खुले शस्त्र है, खुली हुई नादानी है
सारी दुनिया जान चुकी ये हरकत पाकिस्तानी है
बहुत हो चुकी मक्कारी, बस बहुत हो चूका हस्ताक्षेप
समझा दो उनका वरना भभक उठे गा पूरा देश
हिन्दू अगर हो गया खड़ा तो त्राहि त्राहि मच जाएगी
पाकिस्तान के हर कोने में महाप्रलय आजायेगी
क्या होगा अंजाम तुम्हे इसका अनुमान नहीं होगा
कश्मीर तो होगा लेकिन पाकिस्तान नहीं होगा

ये मिसाइल ये एटम बम्ब पर हिम्मत कोन दिखायगा
इन्हें चलाने जन्नत से क्या बाप तुम्हारा आएगा
अबकी चिंता मत कर चहरे का खोल बदल देंगे
इतिहास की क्या हस्ती है सारा भूगोल बदल देंगे
धारा हर मोड़ बदल कर लाहौर से निकलेगी गंगा
इस्लामाबाद की छाती पर लहराएगा तिरंगा
रावलपिंडी और करांची तक सब गारत हो जाएगा
सिन्धु नदी के आर पार सब भारत हो जाएगा
फिर सदियों सदियों तक जिन्नाह जैसा शेतान नहीं होगा
कश्मीर तो होगा लेकिन पाकिस्तान नहीं होगा

हिन्दू-स्थान ने ली अब एक नई अंगड़ाई है
भारत माँ के चरणों में ये सोगंध हमने खायी है
आज नहीं तो कल हम अखंड भारत बनायेंगे
सिन्धु को फिर दुबारा गंगा से मिलाएँगे
बंग भंग हुआ था, पाप एक इस धरती पर
दुर्गा की भूमि को पुनः आजाद कराएँगे
खैबर पास और हिन्दुकुश भारत की सीमा होगी
चंहु ओर सनातन और केसरिये की जय जय कर होगी
ये स्वपन एक दिन जरुर साकार होगा
पर उस दिन कश्मीर तो होगा लेकिन पाकिस्तान नहीं होगा!!
कुछ सही तो कुछ खराब कहते हैं,
लोग हमें बिगड़ा हुआ नवाब कहते हैं,

हम तो बदनाम हुए कुछ इस कदर,
की पानी भी पियें तो लोग शराब कहते हैं...!!!

लोगो से कह दो हमारी तकदीर से जलना छोड़ दे,
हम घर से दवा नही भगवान की दुआ लेकर निकलते है... !!!

कोई ना दे हमें खुश रहने की दुआ, तो भी कोई बात नहीं...
वैसे भी हम खुशियाँ रखते नहीं, बाँट
दिया करते है...!!!